राहुल गांधी ने भविष्यवाणी की है कि मोदी जी ट्रंप की 9 जुलाई की टैरिफ डेडलाइन के आगे "चुपचाप झुक जाएंगे" — जबकि पीयूष गोयल सख़्त बयान दे रहे हैं।
तो फिर भारत की ट्रेड नीति कौन तय कर रहा है?
क्या ‘रणनीतिक स्वायत्तता’ सिर्फ़ एक नारा बनकर रह गई है, जब डेडलाइन वाशिंगटन से तय होती है?