चिराग पासवान कहते हैं कि बिहार में बढ़ते अपराधों के कारण उन्हें नीतीश सरकार का साथ देना दुखद लग रहा है।
पर अगर यह दुख असली है, तो गठबंधन से बाहर क्यों नहीं आते?
या फिर बस पिता की छाया में, मोदी दल का उधार का मंच लेकर नाटक कर रहे हैं?
आप चिराग पासवान के राजनीतिक स्टैंड को कैसे रेट करते हैं?