भुलत्थ से कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कई पार्टियां बदली हैं — पहले कांग्रेस, फ़िर आम आदमी पार्टी, फ़िर पंजाब एकता पार्टी और अब वापिस कांग्रेस में। 2024 में संगरूर लोकसभा सीट 1.7 लाख वोटों के अंतर से गुरमीत सिंह मीत हेयर से हारने के बाद उनकी विश्वसनीयता बार-बार सवालों के घेरे में रही है। 2027 में, क्या पंजाब के वोटर खैरा की राजनीतिक फेरबदल पर भरोसा करेंगे?
Voting
A) एक मज़बूत नेता जो बदलती राजनीति के अनुसार खुद को ढाल लेता है।
B) एक राजनीतिक नेता जो एक पार्टी से दूसरी पार्टी में भटकता है।
C) एक नेता जिसकी बार-बार की पार्टी शिफ्टिंग उसके वोटर भरोसे को घटा सकती है।
From Barnala MLA to handling multiple ministerial portfolios in AAP Government to Sangrur MP, Gurmeet Singh Meet Hayer has risen quickly. By 2027, will his rapid ascent translate into long-term influence in Punjab politics, or will juggling national and state ambitions dilute his impact?