A) एक सोची-समझी चाल - जाखड़ को दरकिनार करते हुए बिट्टू को पंजाब के भावी चेहरे के रूप में परखना।
B) राजनीतिक अवसरवाद अपने चरम पर - रिकॉर्ड समय में कांग्रेस के मंच से भाजपा की अग्रिम पंक्ति तक।
C) प्रतीक राजनीति - पंजाब को सशक्त बनाने के लिए नहीं, बल्कि मतदाताओं को लुभाने के लिए एक सिख नेता को आगे करना।