A) अधिकांश दल-बदल नेता किनारे हो गए, भूले गए या साधारण सांसद बन गए।
B) केवल वही नेता बढ़े जिन्हें भाजपा की रणनीति के लिए उपयोगी माना गया (सिंधिया, बीरेन सिंह, माणिक साहा)।
C) कई वंशवादी सत्ता की उम्मीद में दल-बदल किए, लेकिन राजनीतिक मोहरे बन गए।
D) कुछ कांग्रेस में लौटे या फिर से दल-बदल किए, दिखाते हुए कि अवसरवाद कभी-कभी ही काम आता है।