अगर आम आदमी पार्टी ज़मीन संकट पर सर्वदलीय बैठक में किसानों का सामना नहीं कर सकी।
तो क्या अब यह पूछना ज़रूरी हो गया है कि
क्या भगवंत मान ने गाँव और खेती का वोटबैंक एनआरआई रियल एस्टेट के सपनों के लिए छोड़ दिया है?
एस.के.एम. (SKM) आंदोलन पर चुप्पी क्या पार्टी की नई पहचान को उजागर कर रही है?