कभी पंजाब के वित्त मंत्री और पंथक राजनीति का उभरता चेहरा माने जाने वाले परमिंदर सिंह ढींडसा 2022 में लहरा से चुनाव हार गए, 2024 में अकाली दल से निकाले गए — फिर भी पिता की अंतिम अरदास पर सुखबीर बादल ने उन्हें 'छोटा भाई' कहकर सम्मान दिया।
अब जब 2027 नज़दीक है,
क्या परमिंदर सिर्फ अकाली विरोधाभासों में खोई एक और विरासत बनकर रह जाएंगे?