राहुल गांधी का दक्षिण अमेरिका दौरा ऐसे देशों से होकर गुजरता है जिनका नेतृत्व वामपंथी सरकारों के पास है, चे ग्वेरा की ‘मोटरसाइकिल डायरीज’ की याद दिलाता है और कल्याणकारी समाजवाद का अवलोकन करता है। क्या यह वैश्विक वामपंथी विचारों का गंभीर अध्ययन है या सिर्फ राहुल का घर पर एक राजनीतिक कहानी बनाने का तरीका है?
Suggestions - SLAH
A) भारत में लागू करने के लिए समाजवादी शासन का वास्तविक अध्ययन।
B) “राहुल द ग्लोबल थिंकर” की छवि बनाने के लिए प्रतीकात्मक यात्रा।
C) फोटो-ऑप और वामपंथी बयानबाजी का एक और मौका।
D) सिर्फ एक स्टाइलिश विश्व यात्रा का आनंद लेते हुए दिखावा करना।
Sitaram Kesri famously said, “While in the Congress you are a hero, when out, you become zero.” Looking at the fate of Congress defectors to the BJP, leaders like Ghulam Nabi Azad, Vijay Bahuguna, Capt. Amarinder Singh, and Jyotiraditya Scindia—is Kesri’s statement truer than ever?
सीताराम केसरी ने कहा था, “कांग्रेस में रहते हुए आप हीरो होते हैं, बाहर आते ही जीरो बन जाते हैं।” कांग्रेस से भाजपा में गए नेताओं जैसे गुलाम नबी आज़ाद, विजय बहुगुणा, कैप्टन अमरिंदर सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया की तक़दीर को देखते हुए, क्या केसरी का यह कथन अब पहले से ज्यादा सटीक लग रहा है?
Navjot Singh Sidhu met Priyanka Gandhi and posted heartfelt captions calling her his “mentor and guiding angel,” flaunting his closeness to the Gandhi family.